Grain drying notes in hindi

अनाज सुखाना (grain drying)
आज हम बात करेंगे ग्रेन ड्राइंग की
 अनाज के भंडारण के दौरान खराब होने से रोकने के लिए अनाज को सुखाने की प्रक्रिया होती है उसे ग्रैंड ड्राइंग कहते हैं
 सामान्यतः अनाज में 13 से 14 परसेंट नमी होने पर ही उसे भंडारण करना चाहिए इसलिए किसी भी अनाज में नमी ज्यादा हो तो उसे सुखाया जाता है
अनाज सुखाना इसे फसल की प्रणाली का चरण कहा जाता है
अनाज सुखाने की दो विधियां होती है प्राकृतिक और कृत्रिम
१. प्राकृतिक विधि में हम अनाज को पेड़ पौधों की छाया में सुखा सकते हैं
 अनाज को पतली पतली परतों में बिछाना होता है।  नमी के अनुसार को सुखाने की जो अवधि होती है वह भिन्न-भिन्न हो सकती है ।
ध्यान दें  हवा की आद्रता 7० से ज्यादा नहीं होनी चाहिए और हवा सुखी होनी चाहिए
प्राकृतिक के लाभ
 प्राकृतिक विधि से किसान भाइयों के कम लागत लगती है और एक सरल विधि है
हानिया
 यह प्रक्रिया धीरे-धीरे संपन्न होती है और मौसम पर संपन्न होती है क्योंकि कभी-कभी वर्षा हो जाती है धूप जाती है जिस कारण उसे सुखा नहीं सकते और इसमें समय ज्यादा लगने पर कभी-कभी दूषित भी हो जाती है और सुखाने पर हमारे वातावरण के पशु पक्षी नूकसान पहुंचा सकते हैं।

२. कृत्रिम विधि 
 गर्म हवा के द्वारा किया जा सकता है अन्यथा डेहूमिडीफायर यह एक ऐसी मशीन है जिसमें हला रहीत हवा होती है अर्थात हवा में कोई आद्रता नहीं होती है
लाभ
जल्दी कर सकते हैं ,नुकसान कम होता है, अधिक तेजी के साथ संपन्न होती है और मौसम का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है
हानी
किसान भाइयों को कृत्रिम विधि से ज्यादा लागत आती है तथा यह प्रक्रिया मशीन में संपन्न होती है जिस कारण कभी कभार थोड़े बहुत बीजो की क्षती भी सकती हो सकती हैं।


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