घर का वट वृक्ष होते हैं दादाजी
बच्चों को हमेशा संस्कार देते हैं दादाजी
हाथ पकड़ कर चलना सिखाते है दादाजी
आपका नाम है सिद्ध श्री श्रवण नाथ जी
दिल से कभी भूला नही पाएंगे आपको
आपकी हर बात आज भी याद है हमको
पांचला की आन-बान-शान है श्रवणनाथ जी
आपके इष्टदेव है श्री गूरू जसनाथ जी
आप चले है हमेशा सच्चाई के रास्ते पर
आपका एहसान है हर समाज पर
जब आपका अंतिम दर्शन किया था
13 दिसंबर 2014 का वो दिन था
आप हमेशा के लिए छोड़ कर चले गए हमको
दिए हुए संस्कारो से याद करते हैं आपको
प्रणाम दादाजी
🙏🏼लोकेश
घर का वट वृक्ष होते हैं दादाजी
बच्चों को हमेशा संस्कार देते हैं दादाजी
हाथ पकड़ कर चलना सिखाते है दादाजी
आपका नाम है सिद्ध श्री श्रवण नाथ जी
दिल से कभी भूला नही पाएंगे आपको
आपकी हर बात आज भी याद है हमको
पांचला की आन-बान-शान है श्रवणनाथ जी
आपके इष्टदेव है श्री गूरू जसनाथ जी
आप चले है हमेशा सच्चाई के रास्ते पर
आपका एहसान है हर समाज पर
जब आपका अंतिम दर्शन किया था
13 दिसंबर 2014 का वो दिन था
आप हमेशा के लिए छोड़ कर चले गए हमको
दिए हुए संस्कारो से याद करते हैं आपको
प्रणाम दादाजी
🙏🏼लोकेश