किशन नाथ सिद्ध जिन्होंने आग में फंसे मुसाफिरों की जान बचाई



जसनाथ जी महाराज ने अपने 36 नियमों में एक नियम "दया धर्म सदा ही मन भाई" का दिया है।
  बात उस समय की है जब सुबह-सुबह 2 दिन पहले सेरूणा और झंझेऊ के रास्ते पर बस और ट्रक में आग लगी तो उस आग में कुछ मुसाफिर फंस गए थे।
  उन लोगों को देखकर झंझेऊ गांव के किशन नाथ सिद्ध उनके पिताजी लालनाथ जी  और रामदेव जी, शक्तिमान जी भी उस आग को बुझाने के लिए हर संभव प्रयास किए और अपने खेत की पाइपलाइन को फसल से निकालकर रोड पर चल रहे ट्रक और बस पर डालकर उस आग को शांत किया और लोगों की जान बचाई।
इन सभी गांव के लोगों ने किसान पुत्रों ने हिम्मत करके बहुत ही बड़ा कार्य किया है उनके लिए तहे दिल से साधुवाद धन्यवाद। 🙏🏼🙏🏼🙏🏼

3 टिप्पणियाँ

  1. नमस्कार दोस्तों ।
    गत दिन पहले एक दर्दनाक घटना सेरुणा झंझेउ के रास्ते पर घटित हुई थी जिससे आज भी दिल में काफी पीड़ा है।
    उस घटना को देखकर दिल बहुत रोया और मैंने मेरे पिताजी श्री लाल नाथ जी , राम देव जी सक्तिवान जी आदि लोगों के साथ मिलकर उस बस में लगी आग को बुझाने का प्रयास किया और काफी हद तक हमने मिलकर उन लोगों की 💞जान भी बचाई।
    ऐसा करना हमारा कर्म है और हम सभी को इंसानियत के नाते ऐसी मदद करनी चाहिए ।।
    🙏🏻 आपसे हाथ जोड़ कर निवेदन है कि आगे भी कभी कोई ऐसी आपदा घटे तो वहां पर अपने हाथ आगे बढ़ाने का प्रयास करें।🙏🏻

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  2. हम सभी को इंसानियत के नाते ऐसी मदद करनी चाहिए । आपसे हाथ जोड़ कर निवेदन है कि आगे भी कभी कोई ऐसी आपदा घटे तो वहां पर अपने हाथ आगे बढ़ाने का प्रयास करें।

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  3. किशननाथ जी आपने बहुत सराहनीय कार्य किया है हमें आप पर गर्व है

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