पांचला सिद्धा के श्रवणनाथ जी भादू कृषि फार्म में लालनाथ जी द्वारा आयोजित सुख समृद्धि की कामना को लेकर पांच दिवसीय गायत्री मंत्र पाठ समारोह का आयोजन शुभारंभ भगवान गणेश जी, गायत्री माता, जसनाथ जी की पूजा अर्चना के बाद हुआ। इस पूजा-अर्चना के दौरान शीव जी, हनुमान जी की विशेष पूजा भी की गई तथा सुंदरकांड पाठ का भी आयोजन हुआ।
पंडित श्री के सानिध्य में चल रहे पाठ समारोह में महाराज ने बताया कि इन मंत्रों के जाप से सभी दुखों के सागर पार कर परम आनंद की प्राप्ति होती है तथा शास्त्रों के अनुसार गायत्री मंत्र को सर्वश्रेष्ठ मंत्र बताया गया है ।
इस गायत्री मंत्र पाठ समारोह मे आज के दिन पर्यावरण संरक्षण एवं वातावरण शुद्धि के लिए हवन एवं यज्ञ का आयोजन रखा गया ।
हवन एंव यज्ञ से पर्यावरण प्रदूषण को रोका जाता है और यज्ञ में आहुत औषधि तत्वों से पर्यावरण में घुल रही विषैली गैसों का नाश भी होता है और हमारे गूरू श्री जसनाथ जी महाराज ने 500 वर्ष पहले पर्यावरण को समझ लिया था इसलिए गुरु महाराज के बताए हूए मार्ग पर चलते हूए समय-समय पर पर्यावरण एवं वातावरण शुद्धि के लिए ऐसे आयोजन रखना चाहिए।
इस कार्यक्रम के दौरान धन्नानाथ जी , गिरधारीनाथ जी,जेठनाथ जी, लक्ष्मणनाथ जी, धर्मनाथ जी, दूलनाथ जी, रामप्रसाद जी, मदन जी, रामस्वरूप, लोकेश, गोविन्द, राधेश्याम, घनश्याम, अरविंद, गजेन्द्र,रामानन्द आदी मौजूद रहै।
पंडित श्री के सानिध्य में चल रहे पाठ समारोह में महाराज ने बताया कि इन मंत्रों के जाप से सभी दुखों के सागर पार कर परम आनंद की प्राप्ति होती है तथा शास्त्रों के अनुसार गायत्री मंत्र को सर्वश्रेष्ठ मंत्र बताया गया है ।
इस गायत्री मंत्र पाठ समारोह मे आज के दिन पर्यावरण संरक्षण एवं वातावरण शुद्धि के लिए हवन एवं यज्ञ का आयोजन रखा गया ।
हवन एंव यज्ञ से पर्यावरण प्रदूषण को रोका जाता है और यज्ञ में आहुत औषधि तत्वों से पर्यावरण में घुल रही विषैली गैसों का नाश भी होता है और हमारे गूरू श्री जसनाथ जी महाराज ने 500 वर्ष पहले पर्यावरण को समझ लिया था इसलिए गुरु महाराज के बताए हूए मार्ग पर चलते हूए समय-समय पर पर्यावरण एवं वातावरण शुद्धि के लिए ऐसे आयोजन रखना चाहिए।
इस कार्यक्रम के दौरान धन्नानाथ जी , गिरधारीनाथ जी,जेठनाथ जी, लक्ष्मणनाथ जी, धर्मनाथ जी, दूलनाथ जी, रामप्रसाद जी, मदन जी, रामस्वरूप, लोकेश, गोविन्द, राधेश्याम, घनश्याम, अरविंद, गजेन्द्र,रामानन्द आदी मौजूद रहै।